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Computed Tomography Introduction




    April 1972 में British Institute of Radiology की annual congress में middlesex के EMI LIMITED के एक senior scientist G. N. Housenfield ने एक new revolutionary imaging technique के invention की घोषणा की, जिसे उन्होंने "Computrized Axial Transverse Scanning" कहा | इसका सिद्धांत एकदम आसान था जिसके अनुसार -

Origianl EMI CT Scanner

Head के एक cross section (एक tomographic Slice) को एक pencil like x-ray beam की सहायता से multiple angle से examine किया जाता है | Transmitted X-ray Beam को एक scintillation detector की सहायता से count किया जाता है तथा उस डाटा को computer में Fed करके एक mathematical algorithm की सहायता से analysis किया जाता है तथा एक tomographic image reconstruct की जाती है |

   इस इमेज की बहुत सारी विशेषताएं होती है जो पहले कभी 2D X-ray image में नहीं देखी गयी | यह अलग अलग ऊतक जैसे की soft tissue, blood clots, gray matter, white matter, cerebrospinal fluid, tumor तथा cerebral edema आदि में radiographic diffrence उत्पन्न कर सकती है | इसे CAT (Computrized Axial Tomography) तथा CT (Computrized Tomography) आदि नामो से जाना जाता है |

   दूसरे Great Discoveries के सामान CT अलग अलग बहुत सरे खोजकर्ताओं के कार्यो का परिणाम है | सन 1917 में एक Austrian Mathematician J. Radon ने gravitational theory पर कार्य करते हुए बताया की, किसी two या three dimensional object को इसके अनंत प्रोजेक्शन के सेट के द्वारा reproduce किया जा सकता है | अतः CT Scan के commercial production के 55 साल पहले इसके mathematical concept को स्थापित किया जा चूका था |

    1956 में Bracewell ने radioastronomy पर कार्य करते हुए ray projection की सहायता से solar map बनाया |

   1961 में Oldendrof तथा 1963 में Cromack ने computed tomography के concept को समझते हुए इसका laboratory model बनाया |

    1968 में Kuhl तथा Edwords ने nuclear imaging के लिए एक successful mechanical scanner बनाया, लेकिन उन्होंने अपना कार्य डायग्नोस्टिक रेडियोलोजी के लिए नहीं फैलाया | Hosenfield ने diagnostic radiology के लिए CT Scan तैयार किया तथा इसकी डायग्नोस्टिक diagnostic radiology में उल्लेखनीय क्षमता भी प्रदर्शित की |

  आगे यह modality एक versatile 3D whole body imaging modality के रूप में विकसित हुई जिसके बहुत सारे clinical application है जैसे की- Onchology, vascualr radiology, cardiology, traumatology and interventional radiology आदि | आजकल special clinical application के लिए dedicated CT scanner भी उपलब्ध है जैसे की - 

 1. Radiotherapy Planning- इन CT scanner में extra wide bore होती है, जिससे की CT scans large field of view (FOV) के साथ बनायीं जा सकती है | 

 2. Multi modality imaging के लिये CT Scanner का दूसरी modality के साथ integration किया जाता है | जैसे की CT scanner का PET scanner या SPECT scanner के साथ integration किया जाता है | 

320 detector row ct scan
320 detector row CT scan

 3. Dedicated diagnostic imaging के लिये dual source CT scanner जिससे दो X-ray tube लगी होती है तथा volumatric CT scanner जिसमे 320 detector row लगी होती है, जो single rotation में entire organ को scan कर सकती है, का development किया गया है | 

Dual source CT scan
Dual source CT scan


 CT scan 3D imaging के लिए पूरी तरह से अनुकूल (perfectly suited) होती है तथा यह brain, cardiac, musculoskeletal तथा whole body imaging के काम आती है |



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