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INTENSIFYING SCREEN

 Intensifying screen patient dose को कम करने के काम में ली जाती हैं | एक्सपोज़र में कमी के कारण एक्सपोज़र टाइम में भी कमी आ जाती हैं जिससे पेशेंट मोशन भी कम होता हैं | स्क्रीन के साथ काम में ली जाने वाली एक्सरे फिल्म के दोनों साइड में Photosensitive Emulsion की layer लगी होती हैं, इस फ़िल्म को दो intensifying scrren के बीच में sandwiche किया जाता हैं जिससे की दोनों साइड का इमल्शन लाइट से एक्सपोज़ हो जाये |
INTENSIFYING SCREEN

 I. S. चार परतो की बनी होती हैं -

Base or support layer

 यह प्लास्टिक या कार्डबोर्ड की बनी होती हैं | यह बाकि लेयर को सपोर्ट प्रदान करती हैं | इसकी मोटाई 7-10 mil(150-254µm) मध्य होती है | [ 1mil = 254µm]

Reflecting Layer- (TiO2)

Xray photon व phosphor layer के interaction से उत्पन्न लाइट सभी दिशाओ में फ़ैल जाती हैं | अधिकांश लाइट एक्सरे फिल्म की डायरेक्शन में ही (forward direction) होती हैं लेकिन बहुत से फोटोन स्क्रीन के पीछे की दिशा में निर्देशित होते हैं, जिससे इनकी फोटोग्राफिक इनफार्मेशन गायब हो जाती हैं | Reflecting coat light को दोबारा एक्सरे फिल्म की ओर -परावर्तित कर देती हैं | रिफ्लेक्टिंग कोट सफेद पदार्थ जैसे टाइटेनियम डाई ऑक्साइड का बना होता हैं तथा इसे बेस के उपर एक पतली फिल्म 1mil (thickness 25µm) के रूप में चिपका दिया जाता हैं | 
INTENSIFYING SCREEN

Phosphor Layer 

फॉस्फर लेयर एक्सरे फिल्म के रिफ्लेक्टिंग कोट या बेस के ऊपर एक परत के रूप में लगी होती हैं | यह फॉस्फर क्रिस्टल्स के रूप में होता हैं | इन फॉस्फर क्रिस्टल्स को एक प्लास्टिक पॉलीमर में ससपेंड करके फैला दिया जाता हैं जिससे एक्सरे फिल्म फ्लेक्सिबल रहती हैं | 
        Phosphor layer की thickness par speed screen के लिए लगभग 4 mil (100µm) होती है |  High speed screen के लिए इस लेयर की मोटाई 1-2 µm बढ़ा दी जाती है तथा slow या detail speed intensifying screen के लिए इसकी मोटाई कम कर दी जाती है |  
Thickness of intensifying screen phospher layer
S. N. Intensifying Screen Thickness
1 High speed 5-6 mil (125-150µm)
2 Par or Medium Speed 4 Mil (100µm)
3 Slow or Detail Speed 2-3 mil (50-75µm)
इन फॉस्फर क्रिस्टल्स पर जैसे ही एक्सरे फोटोन आपतित होता हैं यह इन्हे लाइट फोटोन के रूप में कन्वर्ट कर देता हैं | ये लाइट फोटोन फोटोसेंसिटीव इमल्शन लेयर को एक्सपोज़ करते हैं | उत्पन्न लाइट फोटोन तथा आपतित एक्सरे फोटोन के अनुपात को उस स्क्रीन के लिए Intensifying Factor कहते हैं | जैसे CaWO4.

Protective Layer

प्रोटेक्टिव लेयर अधिकांशतया Cellulose को दूसरे plastic polymer में मिक्स करके बनाया जाता हैं | इसकी मोटाई 0.7-0.8 mil (20-25 µm) होती हैं | इस लेयर के तीन कार्य होते हैं -
   I. यह स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी (Static Electricity ) को इमल्शन लेयर तक पहुंचने से रोकती हैं | 
   II. यह फॉस्फर लेयर को फिजिकल प्रोटेक्शन प्रदान करती हैं | 
   III. यह फॉस्फर लेयर को बिना डैमेज किये क्लीन करने की सतह प्रदान करती हैं | 

TYPES OF INTENSIFYING SCREEN

      Intensifying scrren पर fluoroscent material लगा होता है जिस पर रेडिएशन गिरने पर यह उसे द्रश्य प्रकाश में बदल देती है | कोई स्क्रीन इमेज बनाने के लिए जितना कम एक्सपोज़र लेती है उसकी उतनी ही अधिक स्पीड होती है |
                                 Speed = 1 / Exposure
TYPES OF INTENSIFYING SCREEN


Speed के आधार पर Intensifying scrren तीन प्रकार की होती है-

Fast Screen

इसमें Phosphor layer मोटी होती है तथा क्रिस्टल की साइज भी बड़ी होती है इसमें सबसे अधिक स्पीड प्राप्त होती है लेकिन कुछ इंफॉर्मेशन लॉस हो जाती है |

Slow Screen or High Defination Screen

इनमें phosphor layer पतली होती है तथा क्रिस्टल साइज भी कुछ छोटे होते हैं इनकी डिटेल बहुत ही अच्छी होती है लेकिन इनकी स्पीड बहुत ही कम होती है तथा इससे पेशेंट को हाई रेडिएशन डोज़ लगता है |

Medium Screen

यह स्क्रीन का तीसरा प्रकार है | इसमें फॉस्फर लेयर की थिकनेस ऊपर दी गई दोनों स्क्रीन के बीच की होती है तथा क्रिस्टल साइज भी मीडियम होते हैं इमेज डेफिनेशन भी इन दोनों के बीच की होती हैं |
Intensifying screen के तीन प्रकार होते हैं-
  • Standard or Slow screen
  • Rare Earth or Fast screen
  • Combination
स्टैंडर्ड स्क्रीन में कैल्शियम टंग्स्टेट फॉस्फर (calcium tungstate phosphors) के रूप में काम में आता है | जबकि रेयर अर्थ स्क्रीन में गैडोलीनियम (gadolinium) और लैंथेनम (lanthanum ) फॉस्फरके रूप में यूज में आते हैं   रेयर अर्थ स्क्रीन का कमर्शियल नेम लिनक्स (Lanex)  होता है |  रेयर अर्थफॉस्फर सबसे ज्यादा एफिशिएंट होते हैं, व सबसे अधिक एक्स-रे फोटोन को दृश्य प्रकाश में परिवर्तित कर सकते हैं जिससे पेशेंट को रेडिएशन डोज़ भी कम लगता है मैन्युफैक्चर के द्वारा स्क्रीन का नाम और उसका टाइप इसके ऊपर एक साइड में कोने पर प्रिंट किया जाता है यह इंफॉर्मेशन रेडियोग्राफ के ऊपर भी दिखाई देती है | इसे लाइट टाइट कंटेनर जिसे कैसेट कहते है में फिल्म के साथ क्लोज कांटेक्ट में रखा जाता है |  ये स्क्रीन एक्सरे फोटोन को द्रश्य प्रकाश में बदल देती है जिससे पेशेंट को रेडिएशन डोज़ कम लगता है |






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