Grid एक डिवाइस हैं जो प्राइमरी एक्सरे बीम से स्कैटर एक्सरे (scatter xray) हटाता हैं |
यह निम्न प्रकार का होता हैं-
A. linear grid-
रेडियोग्राफ़िक ग्रिड में लेड की पतली चादर की स्ट्रिप्स (strips) होती हैं जिनके बीच रेडियो ट्रांसपैरंट स्पेसर (spacer) लगा होता हैं | लीनियर ग्रिड में सारी लेड स्ट्रिप्स एक दूसरे के पैरेलल होती हैं | अधिकांश एक्सरे टेबल में लीनियर ग्रिड लगा होता हैं | इनका सबसे बड़ा एडवांटेज यह हैं की एक्सरे ट्यूब को ग्रिड की लम्बाई की दिशा में बिना रेडिएशन लॉस के एंगल दे सकते हैं |
B. Crossed Grid-
दो लीनियर ग्रिड को एक दूसरे पर सुपरइम्पोज़ (superimpose ) करके क्रॉस्ड ग्रिड बनाया जाता हैं | क्रॉस्ड ग्रिड का ग्रिड रेश्यो दोनों लीनियर ग्रिड के ग्रिड रेश्यो के योग के बराबर होता हैं | क्रॉस्ड ग्रिड को ऑब्लिक (oblique ) तकनीक के साथ काम में नहीं लिया जा सकता हैं जहा एक्सरे के अंगुलेशन की आवश्यकता होती हैं |
C. Focused Grid-
यहाँ लेड स्ट्रिप्स को थोड़ा एंगल दिया जाता हैं ताकि वो स्पेस में फोकस्ड हो सके | फोकस्ड ग्रिड लीनियर या क्रॉस्ड दोनों हो सकते हैं | लीनियर फोकस्ड ग्रिड एक लाइन पर फोकस्ड होते हैं जिसे कनवर्जेंट लाइन कहते हैं | क्रॉस्ड ग्रिड एक पॉइंट पर फोकस्ड होते हैं जिसे कनवर्जेंट पॉइंट कहते हैं | यहाँ फोकल डिस्टेंस ग्रिड तथा कनवर्जेंट लाइन या पॉइंट के मध्य दुरी होती हैं |
D. Parallel Grid-
इस प्रकार के ग्रिड में लीड स्ट्रिप्स एक दूसरे के पैरेलल लगी होती हैं | ये अनंत पर फोकस्ड होती हैं | ये ग्रिड बहुत ही छोटे एक्सरे फील्ड या बड़े टारगेट-ग्रिड डिस्टेंस के लिए उसे में आती हैं | साधारणतया इनका उपयोग Fluoroscopic Spot Film Device में उपयोग में लिया जाता हैं |
यह निम्न प्रकार का होता हैं-
A. linear grid-
रेडियोग्राफ़िक ग्रिड में लेड की पतली चादर की स्ट्रिप्स (strips) होती हैं जिनके बीच रेडियो ट्रांसपैरंट स्पेसर (spacer) लगा होता हैं | लीनियर ग्रिड में सारी लेड स्ट्रिप्स एक दूसरे के पैरेलल होती हैं | अधिकांश एक्सरे टेबल में लीनियर ग्रिड लगा होता हैं | इनका सबसे बड़ा एडवांटेज यह हैं की एक्सरे ट्यूब को ग्रिड की लम्बाई की दिशा में बिना रेडिएशन लॉस के एंगल दे सकते हैं |B. Crossed Grid-
दो लीनियर ग्रिड को एक दूसरे पर सुपरइम्पोज़ (superimpose ) करके क्रॉस्ड ग्रिड बनाया जाता हैं | क्रॉस्ड ग्रिड का ग्रिड रेश्यो दोनों लीनियर ग्रिड के ग्रिड रेश्यो के योग के बराबर होता हैं | क्रॉस्ड ग्रिड को ऑब्लिक (oblique ) तकनीक के साथ काम में नहीं लिया जा सकता हैं जहा एक्सरे के अंगुलेशन की आवश्यकता होती हैं |C. Focused Grid-
यहाँ लेड स्ट्रिप्स को थोड़ा एंगल दिया जाता हैं ताकि वो स्पेस में फोकस्ड हो सके | फोकस्ड ग्रिड लीनियर या क्रॉस्ड दोनों हो सकते हैं | लीनियर फोकस्ड ग्रिड एक लाइन पर फोकस्ड होते हैं जिसे कनवर्जेंट लाइन कहते हैं | क्रॉस्ड ग्रिड एक पॉइंट पर फोकस्ड होते हैं जिसे कनवर्जेंट पॉइंट कहते हैं | यहाँ फोकल डिस्टेंस ग्रिड तथा कनवर्जेंट लाइन या पॉइंट के मध्य दुरी होती हैं |D. Parallel Grid-
इस प्रकार के ग्रिड में लीड स्ट्रिप्स एक दूसरे के पैरेलल लगी होती हैं | ये अनंत पर फोकस्ड होती हैं | ये ग्रिड बहुत ही छोटे एक्सरे फील्ड या बड़े टारगेट-ग्रिड डिस्टेंस के लिए उसे में आती हैं | साधारणतया इनका उपयोग Fluoroscopic Spot Film Device में उपयोग में लिया जाता हैं |
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