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TYPES OF RADIOACTIVITY

 रेडियोएक्टिविटी  परिघटना हैं जिसमे कुछ तत्वों के नाभिक विकिरण उत्पन्न करते हैं | यह निम्न प्रकार की होती हैं-

RADIOACTIVE MATERIAL SHOWS RADIOACTIVITY

I. ALPHA DECAY

    Alpha एक मूलभूत पार्टिकल होता हैं | यह एक Helium नाभिक होता हैं जिसमें दो फोटोन होते हैं | जिससे इस पर +2 धनात्मक आवेश आ जाता हैं, तथा इसमें 2 न्यूट्रॉन होते हैं | इसका द्रव्यमान 4 amu होता हैं | यह रेडियोएक्टिविटी प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रेडियोएक्टिव मटेरियल में पायी जाती हैं | इसका सबसे अच्छा उद्धरण रेडियम हैं -
22688Ral22286Rn+l42He
रेडियम का एक अल्फा पार्टिकल के उत्सर्जन से रेडॉन गैस में विघटन होता हैं | यह रेडियम पैरेंट एटम कहलाता हैं तथा रेडॉन डॉटर एटम कहलाता हैं | अल्फा उत्सर्जन के कारण डॉटर एटम का एटॉमिक नंबर तथा परमाणु भार पैरेंट कम होता हैं | 

II. BETA DECAY

जब किसी नाभिक की अस्थिरता का कारण प्रोटोन की अधिकता हो तो न्यूट्रॉन का एक प्रोटोन तथा इलेक्ट्रान में विघटन हो जाता हैं | 
01n ------------>11P + -10e

यह  इलेक्ट्रान नाभिक से बाहर निकल जाता हैं तथा प्रोटोन नाभिक में ही रहता हैं | 
1532P à 1632S + -10e
यहाँ डॉटर एटम का एटॉमिक नंबर बढ़ जाता हैं, तथा एक नए तत्व का निर्माण होता हैं | 


III. PROTON DECAY

जब नाभिक मैं न्यूट्रॉन की अधिकता होती हैं तो वे β-1 पार्टिकल उत्सर्जित करके स्थिर( STABLE) हो जाते हैं | इसी तरह अगर नाभिक में न्यूट्रॉन की कमी हो जाती हैं तो वे पॉज़िट्रान का उत्सर्जन करके स्थिरता प्राप्त करते हैं | 
11p à 01n + +10e
Ex.-                                                            611C à 511B + +10e

IV. GAMMA EMISSION

कुछ केसेस में β-1 या β+1 उत्सर्जन से नाभिक  की रेडियोएक्टिव डीके (decay) प्रोसेस पूरी हो जाती हैं, लकिन ऐसे बहुत से विघटन में डॉटर नाभिक के पास बहुत साडी एनर्जी होती हैं जिससे यह उत्तेजित अवस्था में रहता हैं, तथा यह शीघ्रता से इस एनर्जी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के रूप में उत्सर्जित कर देता हैं  जिसे गामा रेज़ (Gamma Rays) कहते हैं | 
2760Co à 2860Ni + -10e
 यहाँ 2760Co  का विघटन 2860Ni  में होता हैं तथा दो अलग-अलग एनर्जी के गामा फोटोन उत्सर्जित होते हैं जिनकी ऊर्जा 133 MeV तथा 1.17 MeV होती हैं |  Gamma emission कभी भी अकेला नहीं होता हैं यहाँ सदा K-capture, β-1 or β+1 डीके या alpha emission के बाद स्टेबिलिटी प्राप्त करने को एक follow up process होता हैं | 

V. K-ELECTRON CAPTURE

Nuclear stability का एक वैकल्पिक रूप K-electron capture होता हैं | इसमें नाभिक अपने बहुत पास स्थित K-shell electron को आकर्षित कर लेता हैं तथा proton का neutrilization कर लेता हैं | 

 11p + +10e  à 01
यहाँ उत्पन्न K-electron vacancy को characteristic radiation के उत्सर्जन से भरा जाता हैं | 
55131Cs  à 54131Xe + K-radiation  

VI. ANNIHILATION RADIATION

इलेक्ट्रान की तुलना में प्रोटोन बहुत ही दुर्लभ पार्टिकल होता हैं, तथा उत्सर्जित होने पर ये तुरंत ही इलेक्ट्रान से Combine (जुड़ जाता हैं ) हो जाता हैं , तथा दोनों पार्टिकल अद्रश्य हो जाते हैं तथा उनके द्रव्यमान दो फोटोन के रूप में कनवर्टेड हो जाते हैं जिनमे प्रत्येक की एनर्जी 0.51 MeV या इससे अधिक होती हैं जो की प्रोटोन की एनर्जी पर निर्भर करती हैं | यह प्रक्रिया annihilation radiation कहलाती हैं तथा यह सदा प्रोटोन एमिशन के दौरान घटित होती हैं | 

VII. GEOMETRIC TRANSITION

दो एटम जिनका परमाणु क्रमांक तथा परमाणु भार सामान होता हैं लकिन जिनका ऊर्जा स्तर अलग अलग होता हैं Isomer कहलाते हैं | 
जैसे 4399mTc metastable state होती हैं यह 4399Tc से 140 KeV का गामा रेडिएशन उत्सर्जित करके स्थिरता प्राप्त करता हैं | 
4399mTc à 4399Tc + ϒ 





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