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CHEST LATERAL VIEW




निम्न परिस्थितयो में चेस्ट का लेटरल (पार्शव ) प्रोजेक्शन उपयोगी होता हैं-
जब किसी lesion की लोकेशन का निर्धारण करना हो |
एंटीरियर मीडियास्टाइनल मास को दिखाने के लिए जो PA Projection में दिखाई नहीं देता हैं |
लेटरल रेडिओग्राफ को रूटीन रेडियोग्राफी में नहीं किया जाता हैं क्योकि इससे पेशेंट का डोज़ बढ़ जाता हैं |
यह वर्टीकल बकी या 35X43 साइज की कैसेट में किया जाता हैं |

Contra Indication

                              none

Preparation of patient for Chest X ray:-

चेस्ट एक्सरे से पहले पेशेंट के Jewellery,  Eyeglasses, Body piercings तथा दूसरे सभी metalic objects हटा देना चाहिए |
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CHEST LATERAL RADIOGRAPH


 अगर पेशेंट के कोई surgical implanted device जैसे पेसमेकर या हार्ट वाल्व आदि हो तो सबसे पहले डॉक्टर को बता देना चाहिए | इस स्थिति में डॉक्टर चेस्ट एक्सरे के दूसरे किसी विकल्प का विचार कर सकता हैं जैसे CT Scan या Sonography आदि | एक्सरे से पहले पेशेंट को अपनी कमर से ऊपर के कपड़ो को हटा कर हॉस्पिटल गाउन पहनने का कहा जाता हैं |

Posotion of patient-

इरेक्ट पेशेंट को घुमा कर जिस साइड की इन्वेस्टीगेशन करना हैं उसे कैसेट के की तरफ कर देते हैं |
इस स्थिति में पेशेंट का median sagittal plane  कैसेट के पैरेलल हो जाता हैं |
पेशेंट के दोनों हाथो को सिर के ऊपर करके आपस में बांध देते हैं |
Midaxillary line को कैसेट के मिडिल के सम्पाती कर देते हैं |

Direction and Position of X ary Beam-

कॉलिमटेड तथा हॉरिजॉन्टल एक्सरे बीम काम में ली जाती हैं | एक्सरे बीम को इमेज रिसेप्टर या कैसेट से समकोण (right angle) पर रखा जाता हैं तथा एक्सरे बीम का सेंटर कैसेट के सेंटर पर तथा मिडएक्सिलरी लाइन पर रखा जाता हैं | एक्सपोज़र फुल नार्मल अरेस्टेड इंस्पिरेशन (Full normal arrested inspiration) कंडीशन में किया जाता हैं |

Note:-

1. अगर हाथो को पूरी तरह से ऊपर नहीं किया जाये तो आर्म के सॉफ्ट टिश्यू लंग फील्ड पर दिखाई देते हैं |



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