CHEST ANTERO POSTERIOR PROJECTION (CHEST AP VIEW)
Anatomy-
चेस्ट एक्सरे में बॉडी के थोरेसिक भाग में स्थित ऑर्गन का रेडिओग्राफ लिया जाता हैं | थोरेसिक कैविटी में अपनी बॉडी के कुछ मुख्य ऑर्गन स्थित होते हैं, जैसे हार्ट, लंग्स, ट्रेकिआ, इसोफैगस, एओर्टा आदि | इस सब की सुरक्षा के लिए थोरेसिक केज हटा हैं जिसमे एंटीरियरली स्टरनम, पोस्टेरियरली वर्टिब्रल कॉलम तथा लैटरली रिब्स स्थित होती हैं |Chest Anatomy |
सुपेरियरली थोरेसिक इनलेट व इन्फेरियरली डायाफ्राम होता हैं जो थोरेसिक ऑर्गन को प्रोटेक्ट करते हैं | यह Chest AP का वैकल्पिक View हैं | जब पेशेंट PA प्रोजेक्शन की पोजीशन प्राप्त (Kyphosis) नहीं कर सकता हैं |
Indication:-
- Trauma
- Rib fracture
- Chest pain
- Persistent Cough
- Shortness of Breath
Pathology involving lung fields, diaphragm, bony thorax, and mediastinum, including the heart and major vessels.
Contra Indication-
nonePreparation of patient for Chest X ray:-
चेस्ट एक्सरे से पहले पेशेंट के Jewellery, Eyeglasses, Body piercings तथा दूसरे सभी metalic objects हटा देना चाहिए |Chest X ray |
अगर पेशेंट के कोई surgical implanted device जैसे पेसमेकर या हार्ट वाल्व आदि हो तो सबसे पहले डॉक्टर को बता देना चाहिए | इस स्थिति में डॉक्टर चेस्ट एक्सरे के दूसरे किसी विकल्प का विचार कर सकता हैं जैसे CT Scan या Sonography आदि | एक्सरे से पहले पेशेंट को अपनी कमर से ऊपर के कपड़ो को हटा कर हॉस्पिटल गाउन पहनने का कहा जाता हैं |
Posotion of patient-
एक 35 X 35 cm की या पेशेंट की साइज के अनुसार कैसेट ली जाती हैं | पेशेंट को एक्सरे कैसेट की और पीठ करके खड़ा करते हैं कैसेट का ऊपरी किनारा lung apices से थोड़ा ऊपर रखते हैं | पेशेंट का Median sagittal plane को कैसेट के प्लेन के समकोण पर रखते हैं | शोल्डर को थोड़ा आगे की ओर मोड़ा (Rotated forward) तथा थोड़ा निचे की और दबाया (Pressed Downwards) जाता हैं | इसके लिए हाथो के डोर्सल एस्पेक्ट (Dorsal aspect) को हिप की निचे की ओर रखा जाता हैं जिस से स्कैपुला लंग फील्ड से अलग हो जाती हैं |Direction and Position of X ary Beam-
कॉलिमटेड तथा हॉरिजॉन्टल एक्सरे बीम काम में ली जाती हैं तथा इसे स्टरनम से लम्बवत करने के लिए कॉडली एंगल (Caudal angle) देते हैं | एक्सरे बीम को sternal notch तथा xiphisternum के बीच में सेंटर करते हैं | मिनिमम SID 52 से 60 इंच रखा जाता हैं | एक्सपोज़र फुल नार्मल अरेस्टेड इंस्पिरेशन (Full normal arrested inspiration) कंडीशन में किया जाता हैं |एनालॉग रेडियोग्राफी में 70 से 80 KV काम में लिया जाता हैं तथा डिजिटल रेडियोग्राफी में 75 से 85 KV काम में लिया जाता हैं |
Note:-
1. एक आइडियल Chest PA Radiograph में निम्न विशेषताये होती हैं-एक्स रे फिल्म में लंग फील्ड पूरा आता हैं तथा तथा स्कैपुला लंग फील्ड से पूरा अलग हो जाती हैं |
एक्सरे फिल्म पर बॉडी एनाटोमी में कोई रोटेशन नहीं होना चाहिए | इसके लिए एंटीरियर रिब एन्ड देखे जाते हैं जो दोनों ओर वर्टिब्रल कॉलम से सामान दुरी पर होने चाहिए |
लंग्स अच्छी तरह से फुले होने चाहिए इसके लिए ये देखा जाता है की लंग फील्ड में एंटीरियरली 6 रिब तथा पोस्टीरियरली 10 रिब दिखनी चाहिए |
इन्फेरियरली कोस्टोफ्रेनिक एंगल (CP Angle) तथा डायाफ्राम की आउटलाइन क्लियर दिखनी चाहिए |
2. सेंट्रिंग पॉइंट निचे रखने से clavical, lung field से अलग हो जाती हैं |
3. इस पोजीशन में हार्ट एक्सरे कैसेट से दूर चला जाता हैं हैं जिस से रेडिओग्राफ पर हार्ट मैग्निफिकेशन दर्शाता हैं | इस कारण इस प्रोजेक्शन में हार्ट साइज का सही निर्धारण नहीं किया जा सकता हैं |
* image source- Clark's positioning in radiography
Htn with heart failure of chest
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