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CARDINAL PRINCIPLES OF RADIATION PROTECTION

रेडियोलोजी में सभी हेल्थ फिजिक्स एक्टिविटी पेशेंट तथा कार्मिक के रेडिएशन एक्सपोज़र को कम करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है | न्यूक्लियर एक्टिविटी के लिए टाइम, डिस्टेंस तथा शील्डिंग तीन कार्डिनल प्रिंसिपल डेवेलप किये गये जो डायग्नोस्टिक रेडियोलोजी के लिए भी समान रूप से उपयोगी पाये गये | इन कार्डिनल प्रिंसिपल के उपयोग से रेडिएशन एक्सपोज़र को काम किया जा सकता हैं  |

MINIMIZE TIME

किसी भी व्यक्ति का डोज़ उसके एक्सपोज़र टाइम से सीधे सम्बंधित होता हैं |  अगर किसी का एक्सपोज़र टाइम डबल कर दिया जाये तो उसका एक्सपोज़र भी डबल हो जायेगा |

रेडियोग्राफ़ के दौरान एक्सपोज़र टाइम कम रखा जाता है जिससे एक्सरे फिल्म में मोशन बलर (blur) कम आता है | फ्लुओरोस्कोपी में एक्सपोज़र टाइम कम रखना चाहिए जिससे पेशेंट तथा कार्मिक को रेडिएशन डोज़ कम लगता है | यह रेडिएशन प्रोटेक्शन का वो भाग होता है जो रेडिएशन टेक्नोलॉजिस्ट से सीधे जुड़ा हुआ नहीं होता है | इसके लिए रेडियोलाजिस्ट को ट्रैन किया जाता है की वो फ्लुओरोस्कोपी के फुट स्विच को लगातार दवाये रखने के बजाये एक सीक्वेंस के रूप में ऑन ऑफ करे | इससे रेडिएशन डोज़ कम होता है |  Pulsed progressive fluoroscopy से पेशेंट डोज़ 0.1 गुना कम किया जा सकता है  |
CARDINAL PRINCIPLES OF RADIATION PROTECTION
TIME AND DISTANCE


MAXIMIZE DISTANCE

 रेडिएशन सोर्स तथा पेशेंट के बीच डिस्टेंस को बढ़ाने से रेडिएशन एक्सपोज़र तेजी से कम होता है | यह डोज़ में कमी की गणना इनवर्स स्क्वायर लॉ से की जाती है | अधिकांश रेडिएशन सोर्स पॉइंट सोर्स होते है जैस एक्सरे ट्यूब | रेडियोग्राफ़ में पेशेंट तथा रेडिएशन सोर्स के मध्य दुरी साधारणतया फिक्स होती है तथा रेडिएशन टेक्नोलॉजिस्ट प्रोटेक्टिव लैड बैरियर के पीछे खड़ा होता है |

MAXIMIZE SHIELDING

रेडिएशन से एक्सपोज्ड पर्सन तथा रेडिएशन सोर्स के मध्य शील्डिंग करने से रेडिएशन डोज़ को बहुत ज्यादा कम किया जा सकता है जैसे- प्रोटेक्टिव लेड बैरियर | डायग्नोस्टिक रेडियोलोजी में शील्डिंग लेड या लेड एक्विवैलेन्ट मटेरियल की बनी होती है |   शील्डिंग मटेरिल कितने रेडिएशन को रोकता है यह half value layer (HVT) या tenth value layer (TVT) से पता लगाया जा सकता है |
TIME DISTANCE SHIELDING RULE FOR RADIATION PROTECTION
SHIELDING


HVL

शील्डिंग मटेरियल की वह मात्रा जो रेडिएशन डोज़ को आधा कर दे | 
रेडियोलोजी में शील्डिंग मटेरियल के उपयोग का दूसरा उदाहरण प्रोटेक्टीव अपैरल (परिधान) हैं | प्रोटेक्टिव एप्रन में साधारणतया 0.5mm Pb होता है |  यह लगभग 2HVL के बराबर होता है जिसके द्वारा ऑक्यूपेशनल एक्सपोज़र को 25% तक ले आना चाहिए |







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