MRI में उपयोग में आने वाली मैगनेट काफी अधिक पावर की होती हैं इसलिए उनसे खतरा भी हो सकता हैं | MRI machine 0.3T से 3T तक काम करती है | अपनी पृथ्वी का मैग्नेटिक फील्ड 1 gauss होता है जो 1 T का 10000वा भाग होता है | जब कोई मैटेलिक ऑब्जेक्ट MRI रूम में मशीन की तरफ खींचा चला आता है तो वह डेथ या इंजरी का कारण बन सकते है | अतः कभी भी MRI room में scissors, hemostats, stethoscopes या कोई लौहचुंबकीय पदार्थ से बनी चीज अंदर लेके नहीं जाना चाहिए |
MRI के मैग्नेटिक फील्ड से क्रेडिट कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप डैमेज हो सकती है, पेसमेकर काम करना बंद कर सकता है, एन्यूरिज्मस क्लिप अपनी जगह से हट सकती है |
पेशेंट की MRI करने से पहले पेशेंट के संभावित रिस्क को देखे जाते है | अगर इसमें थोड़ा भी डाउट हो तो रेडियोलाजिस्ट या टेक्नोलॉजिस्ट से कन्फर्म करना कि यह पेशेंट के लिए सेफ है | पेशेंट जिनके पेसमेकर लगा है, मटेल वर्कर जिनके आँख में कोई मेटैलिक कण गिर जाये तथा पेशेंट जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई है उनका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए | MRI रूम में इमरजेंसी परिस्थितिया कभी भी आ सकती है | इस परिस्थिति में सबसे पहले रूम में घुसने से पहले अपनी पॉकेट चेक करनी चाहिए की उसमे कोई मेटैलिक ऑब्जेक्ट तो नहीं है |
Very very nice analysis
जवाब देंहटाएंGood post. Check the best MRI scan in Coimbatore
जवाब देंहटाएं