जब किसी conductor से धारा का प्रवाह होता है, तो चालक में उष्मा उत्पन्न होती है | क्योंकि यहां चालक के प्रतिरोध के कारण कुछ विधुत ऊर्जा का ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरण होता है | यह ऊष्मा ऊर्जा चालक का तापमान बढ़ा देती है | जब चालक में फ्री इलेक्ट्रॉन गति करते हैं तो मार्ग में चालक के एटम से टकराने से ऊष्मा उत्पन्न होती है | रास्ते में वे एटम से टकराते हैं, तथा अपनी कुछ गतिज ऊर्जा एटम्स को दे देते हैं | इलेक्ट्रान से गतिज ऊर्जा पाकर एटम चालक में उष्मा उत्पन्न करते हैं |
विधुत धारा का तापीय प्रभाव तीन कारकों पर निर्भर करता है-
1. चालक के प्रतिरोध पर, उच्च प्रतिरोध ज्यादा ताप उत्पन्न करता है |
2. समय जिसके लिए धारा प्रवाहित होती है | जितना ज्यादा समय होगा उतनी ही ऊष्मा उत्पन्न होगी |
3. धारा की मात्रा (I), जितनी ज्यादा धारा होगी उतनी ही ज्यादा उष्मा उत्पन्न होगी |
अतः किसी चालक जिसका प्रतिरोध R हो, से I धारा टी समय के लिए प्रवाहित हो तो उस में उत्पन ऊष्मा-
यह समीकरण जूल का तापीय समीकरण कहलाता है |
विधुत धारा का तापीय प्रभाव तीन कारकों पर निर्भर करता है-
1. चालक के प्रतिरोध पर, उच्च प्रतिरोध ज्यादा ताप उत्पन्न करता है |
2. समय जिसके लिए धारा प्रवाहित होती है | जितना ज्यादा समय होगा उतनी ही ऊष्मा उत्पन्न होगी |
3. धारा की मात्रा (I), जितनी ज्यादा धारा होगी उतनी ही ज्यादा उष्मा उत्पन्न होगी |
अतः किसी चालक जिसका प्रतिरोध R हो, से I धारा टी समय के लिए प्रवाहित हो तो उस में उत्पन ऊष्मा-
H = I2Rt = V2t / R
विधुत धारा के तापीय प्रभाव के अनुप्रयोग
अधिकांश घरेलू उपकरण विधुत धारा के तापीय प्रभाव का उपयोग करते हैं जैसे - Filament lamps electric heaters electric iron electric kettle etc.Filament lamp
यह tungsten wire का बना होता है | जो glass bulb में बंद रहता है, तथा इससे Air बाहर निकाल दी जाती है | क्योंकि एयर फिलामेंट को ऑक्सिडाइज कर देती है | फिलामेंट को उच्च तापमान तक गर्म किया जाता है | जब तक कि वह रक्त तप्त गर्म ना हो जाए |Florescent lamp
यह फिलामेंट लैंप से ज्यादा दक्ष होते हैं | इनकी ग्लास ट्यूब में mercury vapour होती है, जिससे ultravilot radiation निकलती है | यह रेडिएशन ट्यूब में floroscence glow उत्पन्न करती है, जो दृश्य प्रकाश के रूप में दिखाई देती है |
Fuse wire
अगर धारा का मान दुगना कर दिया जाए तो उत्पन्न ऊष्मा चार गुना हो जाती है | Fuse wire इसी सिद्धांत पर कार्य करता है जैसे ही धारा का मान ज्यादा होता है तो परिपथ में बढ़ी हुई धारा इतनी उष्मा उत्पन्न करती है कि फ्यूज वायर पिघल जाता है | अतः फ्यूज वायर का चयन बहुत ही ध्यान से किया जाता है | फ्यूज वायर साधारणतया 37% lead तथा 63 % tin की मिश्र धातु से बनाया जाता है |
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