Follow us to get latest updates

AC AND DC CURRENT

diffrence between ac and dc

Direct current or DC

एक ही दिशा में इलेक्ट्रिक चार्ज का प्रवाह Direct current या DC करंट कहलाता है | Batteries, Power supply, thermocouple, solar cell तथा dynemo आदि से डायरेक्ट करंट उत्पन्न होता है |
डायरेक्ट करंट conductor, जैसे copper wire से प्रवाहित होता है तथा साथ ही semiconductor, insulator तथा vaccum से भी प्रवाहित हो सकता है | इसमें इलेक्ट्रिक करंट एक नियत दिशा में प्रवाहित होता है, जो इसे इसे AC से अलग करता है | पहले DC को Gelvanic current भी कहते थे | DC को rectifier की सहायता से AC supply से भी प्राप्त किया जा सकता है | DC को बैटरी को चार्ज करने के काम भी लिया जाता है | एलुमिनियम प्रोडक्शन तथा दूसरे इलेक्ट्रो केमिकल प्रोसेस में बहुत बड़ी मात्रा में डीसी पावर का उपयोग किया जाता है | हाई वोल्टेज DC का उपयोग रिमोट एरिया में पावर ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है | इसका ग्राफ स्ट्रेट लाइन होता है |

Alternate current (AC)

Alternate current में चार्ज के प्रवाह में periodically डायरेक्शन चेंज होता है | साधारण AC का उपयोग industries, houses तथा office building में पावर डिलीवरी के लिए होता है |
AC का उत्पादन एक अल्टरनेटर की सहायता से होता है | यह अल्टरनेटिंग करंट उत्पादन के लिए डिजाइन किया गया है | यह उत्पादित करंट sine, square तथा triangle waveform में हो सकती है | लेकिन sine waveform को prefer किया जाता है, क्योंकि sine waveform को जनरेट करने में आसान होती है,तथा इससे मैथमेटिकल कैलकुलेशंस भी आसान हो जाती है |


AC के अनुप्रयोग

घर तथा ऑफिस आउटलेट में एसी का उपयोग होता है
AC का उत्पादन तथा लंबी दूरी तक ट्रांसमिशन आसान होता है  |
लंबी दूरी तक हाई वोल्टेज पर इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन करने पर इसमें एनर्जी का क्षय बहुत ही कम होता है | ऐसी को ट्रांसफार्मर की सहायता से हाई वोल्टेज से लो वोल्टेज तथा लो वोल्टेज से हाई वोल्टेज में बदला जा सकता है |


Related Articles






Back to Main Menu




1 टिप्पणी: