Scatter radiation क्या है ?
x-ray ट्यूब से एक्सरे का प्रोडक्शन होता है | जब यह x ray beam patient से पास होकर इमेज रिसेप्टर पर गिरती है, तो यह absorb तथा scatter होती है | जो एक्सरे बीम x-ray ट्यूब से आती है तथा पेशेंट को पार करके सीधी निकल जाती है प्राइमरी X ray beam कहलाती है | कुछ एक्स-रे फोटोन absorb हो जाते हैं तथा कुछ फोटोन अपनी दिशा बदल लेते हैं | इन दिशा बदलने वाले फोटोस को scatter phoyon कहते हैं |
Scatter radiation का इमेज पर क्या इफेक्ट पड़ता है ?
Scatter radiation का इमेज फॉरमेशन में कोई योगदान नहीं होता है | यह scatter radiaiton image quality के लिए हानिकारक होता है | यह बिना कोई रेडियोग्राफी इंफॉर्मेशन दिए इमेज रिसेप्टर को अनावश्यक exposure प्रदान करता है | Scatter radiation, radiographic contrast को कम करता है |
SPR क्या है ?
SPR जिसे scatter to primary ratio भी कहते हैं | यह किसी पॉइंट पर स्केटर रेडिएशन तथा प्राइमरी रेडिएशन का अनुपात होता है |
SPR thick पेशेंट के लिए अधिक होता है तथा फील्ड साइज के साथ बढ़ता है | जैसे एब्डोमन रेडियोग्राफी में 20% फोटोन इमेज फॉरमेशन में योगदान देते हैं तथा 80 % स्केटर फोटोन ऐसे होते हैं जो इमेज फॉरमेशन में कोई योगदान नहीं देते हैं |
Scatter radiation को कैसे हटाया जाता है ?
Image contrast को बढ़ाने के लिए Scatter radiation को हटाया जाना आवश्यक होता है | इसे grid के उपयोग से हटाया जा सकता है | रेडियोग्राफीक ग्रिड का आविष्कार 1913 में Gustave Bucky ने किया था, और यह आज भी Scatter radiation को रिमूव करने का सबसे प्रभावी तरीका है |
ग्रिड को कैसे उपयोग में लाया जाता है ?
Scatter radiation को Grid के उपयोग से हटाया जा सकता है | इसे पेशेंट तथा इमेज रिसेप्टर के मध्य रखा जाता है | सही तरीके से उपयोग में लाने पर ग्रिड रेडियोग्राफिक इमेज के कंट्रास्ट को बहुत अधिक बढ़ा देता है |Grid कैसे बनाया जाता है ?
Grid पतली lead या tantalum की strips या line का बना होता है | इन स्ट्रिप्स या लाइन की हाइट, थिकनेस तथा उनके बीच का स्पेस निश्चित होता है | यह स्ट्रिप्स एक दूसरे के parallel लगी होती है | इन strips के मध्य भरा भरा जाने वाला interspace material सामान्यतया एल्युमीनियम होता है | Lead lines व इंटरस्पेस मेटेरियल की front and back surface सामान्यतः एल्युमीनियम की बनी होती है | लेड स्ट्रिप के बीच भरे मटेरियल का उपयोग सिर्फ लेड स्ट्रिप को सपोर्ट करना होता है | एल्युमीनियम इंटरस्पेस ग्रिड को अधिक दक्षता से बनाया जा सकता है क्योकि वे स्ट्रक्चरली ज्यादा स्ट्रांग होते है | लेकिन इससे पेशेंट एक्सपोज़र ज्यादा होता है क्योकि ये एल्युमीनियम ज्यादा प्राइमरी रेडिएशन अवशोषित करता है तथा सेकेंडरी रेडिएशन भी ज्यादा अवशोषित करता है अतः कंट्रास्ट इम्प्रूवमेंट भी ज्यादा अच्छा होता है |GRID RATIO
अगर ग्रिड की लेड स्ट्रिप की ऊंचाई h तथा दो लेड स्ट्रिप के बीच की दुरी (चौड़ाई) b हो तो ग्रिड रेश्यो लेड स्ट्रिप की ऊंचाई h तथा चौड़ाई b का अनुपात होता है |
Grid Ratio = h / b
Q: यदि किसी ग्रिड के लीड स्ट्रिप की उचाई 2mm तथा लेड स्ट्रिप के बीच की दुरी 0.25mm हो तो ग्रिड रेश्यो क्या होगा |
A: Grid ratio= h /b
ग्रिड रेश्यो को साधारणतया दो नंबर से प्रदर्शित करते है जैसे 10 : 1 जिसमे पहला अंक वास्तविक रेश्यो होता है तथा दूसरा नंबर सदा 1 होता है | यह रेश्यो ये बताता है की ग्रिड स्कैटर रेश्यो को रिमूव करने में कितना सक्षम है | यह रेश्यो 4:1 से 10:1 के बीच रेंज का होता है | जितना ज्यादा ग्रिड रेश्यो होता है उतना ज्यादा स्कैटर रेडिएशन हटाने में सक्षम होता है | ग्रिड रेश्यो इसके निर्मिता द्वारा इसके ऊपर लिखा जाता है |
c = Lead strips की चौड़ाई |
Grid frequency की रेंज 25 से 80 lines/cm ( 63 से 200 lines/in) होती है | इसकी टिपिकल वैल्यू 40 lines/cm ( 100 lines/in) होती है |
Same grid frequency पर जैसे-जैसे grid ratio बढ़ाते हैं, तो ज्यादा स्केटर रेडिएशन रिमूव होता है, तथा रेडियोग्राफीक कंट्रास्ट बढ़ता है |
ग्रिड कंस्ट्रक्शन के बारे में इंफॉर्मेशन के लिए ग्रिड पर ट्यूब साइड में एक लेबल लगा होता है, जिस पर interspace material, grid frequency, grid ratio, grid size तथा SID range के बारे में लिखा होता है |
Q: यदि किसी ग्रिड के लीड स्ट्रिप की उचाई 2mm तथा लेड स्ट्रिप के बीच की दुरी 0.25mm हो तो ग्रिड रेश्यो क्या होगा |
A: Grid ratio= h /b
ग्रिड रेश्यो को साधारणतया दो नंबर से प्रदर्शित करते है जैसे 10 : 1 जिसमे पहला अंक वास्तविक रेश्यो होता है तथा दूसरा नंबर सदा 1 होता है | यह रेश्यो ये बताता है की ग्रिड स्कैटर रेश्यो को रिमूव करने में कितना सक्षम है | यह रेश्यो 4:1 से 10:1 के बीच रेंज का होता है | जितना ज्यादा ग्रिड रेश्यो होता है उतना ज्यादा स्कैटर रेडिएशन हटाने में सक्षम होता है | ग्रिड रेश्यो इसके निर्मिता द्वारा इसके ऊपर लिखा जाता है |
Grid Frequency
इसे strip line density भी कहते हैं | यह पर यूनिट लेंथ में उपस्थित lead lines की संख्या को बताता है |
Grid frequency = 1 / (b+c)
यहाँ b = Interspace material की चौड़ाई |c = Lead strips की चौड़ाई |
Grid frequency की रेंज 25 से 80 lines/cm ( 63 से 200 lines/in) होती है | इसकी टिपिकल वैल्यू 40 lines/cm ( 100 lines/in) होती है |
Same grid frequency पर जैसे-जैसे grid ratio बढ़ाते हैं, तो ज्यादा स्केटर रेडिएशन रिमूव होता है, तथा रेडियोग्राफीक कंट्रास्ट बढ़ता है |
ग्रिड कंस्ट्रक्शन के बारे में इंफॉर्मेशन के लिए ग्रिड पर ट्यूब साइड में एक लेबल लगा होता है, जिस पर interspace material, grid frequency, grid ratio, grid size तथा SID range के बारे में लिखा होता है |
Grid ratio kaise nikalte pleas explane with example
जवाब देंहटाएंPost updated please visit at https://radiographyinhindi.blogspot.com/2019/03/anti-scatter-grid.html
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंSirr radiation hazard and radiation protection principle ke baare me topic uplod kijiye kyoki 20marks ka qsn aata hai iska pls sirr
जवाब देंहटाएंU r the best radiography teacher in India please sir make vdo and mcq video please i requested to u i m watching ur channel from madhya pradesh
जवाब देंहटाएं