Computed Radiography (CR System) - 1
Computed Radiography Image Receptors (CR IRs) को portable या table और upright X-ray unit पर fix करके बनाया जाता है | CR IR में एक कैसेट होती है, जिसमे एक imaging plate (IP) लगी होती है | इस IP पर एक phosphor लगा होता है जो पेशेंट को पार करके आने वाले रेडिएशन से क्रिया करता है | Phosphor के द्वारा अवशोषित ऊर्जा का कुछ भाग द्रश्य प्रकाश के रूप में उत्सर्जित हो जाता है (Luminescence) तथा बाकि ऊर्जा latent image के रूप में phosphor में store हो जाती है |

Image receptor (IR) मुख्यतया Support, phosphor तथा protective layer की बनी होती है | इसमे मुख्य phosphor barium fluorohalide crystal होते है जिन्हे europium के साथ dopped किया जाता है | [ BaFBr (85%) and BaFI (15%) : Eu] यहाँ europium activator कहलाता है, यह बहुत ही कम मात्रा में मिलाया जाता है, यह phosphor की photostimulable luminescence (PSL) property के लिए उत्तरदायी होता है | CR imaging system में image acquisition के दो चरण होते है :
1. IP में image capture करना
2. Image readout
Image capture in IP
जब पेशेंट से exit radiation cassette पर गिरता है तो फॉस्फर के द्वारा रेडिएशन अवशोषित होने के कारण latent image का निर्माण होता है | Activator crystal ,में defects उत्पन्न कर देता है जिसे F-center कहते है | ये F-center electron trap कर सकते है | इस प्रक्रिया में सबसे पहले रेडिएशन से ऊर्जा अवशोषित करके फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कारण europium atom का आयनन होता है तथा valence band में एक इलेक्ट्रान उत्सर्जित होता है |
X-rays + Eu+2 = Eu+3 + e-
ये इलेक्ट्रान valence band से conduction band में चले जाते है जहा से ये forbidden zone के F-center में trap हो जाते है | इन F-center पर इलेक्ट्रान समय तक रह सकते है | अतः एक एक्सपोज़र में करोडो इलेक्ट्रान F-center में trap हो जाते है | इन इलेक्ट्रॉन्स की संख्या अवशोषित रेडिएशन एनर्जी समानुपाती होती है |
लम्बे समय में ये trapped electron अपने आप ग्राउंड स्टेट आ जाते है | लेकिन फॉस्फर को एक red light souce के द्वारा एक्सपोज़ करके भी इन इलेक्ट्रान की ग्राउंड स्टेट में वापस आने प्रक्रिया को बढ़ाया जा सकता है | इसी कारण इसे photo stimulable phosphor कहते है |

जब imaging plate को एक red laser light के द्वारा एक्सपोज़ किया जाता है तो F-center energy absorb करता है तथा उसे इलेक्ट्रान को दे देता है | इलेक्ट्रान conduction band में पहुंच जाता है जहा से वह valence band में पहुंच जाता है तथा blue green light उत्सर्जित करता है जिसकी ऊर्जा red laser light से ज्यादा होती है | इलेक्ट्रान Eu+3 से जुड़ कर Eu+2 बनाता है |
फॉस्फर से सभी trapped electron release नहीं हो पाते है इसलिए IP को एक बहुत bright light source के द्वारा एक्सपोज़ किया जाता है जिससे सबसे trapped electron release हो जाते है | अब IP को दुबारा रेडिएशन एक्सपोज़र के लिए काम में लाया जा सकता है |
Imaging Plate
Phosphor को एक flexible screen (0.5 mm) के रूप में बनाया जा सकता है जो एक द्रढ़ कैसेट में बंद रहती है जिसे imaging plate (IP) कहते है | सबसे पहले imaging plate Fuji, japan के द्वारा सन 1983 में बनायीं गयी जो screen-film cassette के समान होती है | Cassette अलग अलग साइज में उपलब्ध होती है जिनमे 14"X17", 14" X 14", 10" X 10" तथा 8" X 10" मुख्य है | यह अलग अलग वैरायटी जैसे general radiography, mammography, dental radiography आदि के लिए भी उपलब्ध होती है | General radiography के लिए spatial frequency 2-3 lp/mm तथा mammography के लिए 10 lp/mm होती है |
Image source- Radiographic imaging and Exposure
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